Wednesday, November 17, 2010

चलते चलते यू ही

  1. आज सुबह मैंने देखा की छोटे छोटे बच्चे स्कूल जा रहे थे. झोला हाथ मे लिए पाव नंगे और स्कूल का ड्रेस भी बदरंग था. और फिर रस्ते भर गोर से देखने पर मैंने देखा की कुछ कुछ दुरी पर मै धयान देने लगा तो नजारा ही कुछ दूसरा दिखाई देने लगा ५-६ बच्चो के ग्रुप मै मै किसी के पास ड्रेस नहीं किसी के पास जूता नहीं फिर मैंने गाड़ी किनारे  लगा दी और उनके पीछे चलने लगा. बहुत थोड़ी दूर चला तो एक पुराना घर दिखा जिसमे स्कूल का बोर्ड लगा था मै उंदर जाने की सोच ही रहा था की मैंने देखा एक छोटी बच्ची अपनी माँ के साथ रोते हुवे आ रही थी और उसकी माँ उसे कुछ समझा रही थी. के बेटा मन लगा के पड़ना टीचर की बात माननाऔर उसकी बेटी जिद कर रही थी की मै स्कूल दरस मै स्कूल जाउंगी . उसने १ रुपैय का सिक्का दिया और बेटी ने धीरे से रोना बंद करदिया बच्ची स्कूल चली गई और माँ लोटने लगी. मैंने उन्हें रोका और पूछा की क्यों बच्ची के लिए ड्रेस क्यों नहीं लेते आज ६ महीने स्चूल्खुले हो गए है क्यों स्कूल के लोग डाटते नहीं क्या की आपकी बेटीबिना स्कूल  ड्रेस के स्कूल जाती है. उसने बोला बाबु पैसा नहीं बचता जो रोजी मजदूरी कर पैसा कमाती हु उससे घर चलता है मैंने बोला इसके पापा  काम नहीं करते है क्या वोबोली बाबु जो कमते है मजदोरी कर उसका पूरा दारू पि जाते है .और पैसा मागू तो लड़ते है. मैंने कहा सरकार चावल २-३ रूपया  किलो मै दे रही है गरीबी रेखा के नीछे जीवन यापन करने वालो को . उसने कहा बाबु हमलोगों को चावल नहीं मिलता है मिलता उन्ही को है जिनका गरीबी रेखा मै नाम है और नाम उनका है जिनके बड़े बड़े घर है . मैंने कहा पार्षद को बोलो फिर याद आया मेरा छोटा भाई पार्षद है मै तुरंत उसे फ़ोन किया और बोला गरीबी रेखा कार्ड बनवने के लिए क्या करना पड़ेगा वो बोला मै भी इन्तजार कररह हु मैंने कहा क्यों पापा और हम सभी लोगो का पैसा कम होगया क्या की हम लोग गरीब लोगो के हिस्से का आनाज खायेगे. वो मुस्कराते हुवे बोला हमारे वार्ड मै बहुत प्रोब्लम है. तबतक वो समझ भी  गया था की भाई पुच रहे है मतलब कोई उनके आस पास है जिसे वो जानकारी देना चाहते  है आप उनसे बोल दे की जब कभी पता चले पार्षद से मिल लेना आपने वार्ड के . मै ने उसे बता दियामै की  मेरा छोटा भाई पार्षद है वह भी तुम आके मिल लेना और वो वह से चली गई. मैंने छोटे भाई  को फ़ोन मै बोला की वार्ड की गरीबी रेखा की सूचि निकल के रखे मै कुछ देर मै वह आ रहा हु. और फिर मै उस स्कूल के अन्दर दाखिल हुवा. वहा क्लास चल रही थी बच्चे जमीन मै बैठे थे मैडम उनको कुछ याद करवा रही थी. मै प्रिंसिपल की जानकारी मांगी तो मैडम बोली मै ही प्रिंसिपल हु बताये आप कैसे आये है . मैंने तुरंत ही जवाब दिया की मै मंत्री जी के यहाँ से आया हु आप के यहाँ क्या क्या प्रोब्लम है मझे जानकारी देवे . मैडम बोली सर मै पिछले १५ सालों से स्कूल चला रही हु आज तक प्रोब्लम दूर नहीं हुई तो आप क्या कमाल करदेगे मैंने कहा मैडम मेरा कम प्रोब्लम की जानकारी लेना है प्रोब्लम तो दूर मंत्री जी और अधिकारी करेंगे. मैडम ने कहा मेरे पास १५ सालों की सूचि है प्रोब्लम जो का वो ही है मैंने तुरन ही पुच लिया की स्कूल के बच्चो के पास ड्रेस नहीं है क्या.  आधे से ज्यादा बच्चे स्कूल ड्रेस मै नहीं आये है . वो मैडम बोली सभी गरीब बस्ती के बच्चे है ..........................................................................................क्रमशः                    चलते चलते  यू ही

2 comments:

  1. Very touching. We must help the poor lot as much as possible.

    ReplyDelete
  2. बहुत सम्वेदनशील विषय को लिया है आपने अपने ब्लॉग पर .

    ReplyDelete