Sunday, November 14, 2010
एक इश्वरीशक्ति ने माध्यम बनाया आमिर खान को
समाज की जवाब दारी का मतलब लोग ये सोचते है की आपस मे मिलना अपने रिश्तो दरो से . चंदा की राशी देना. जिन दिन सामाजिक कार्यक्रम हो उसदिन सज सवर के आ जाना.कार्यक्रम मे आपनी प्रतिक्रिया दे देना बस समाज का कम ख़तम. ये उनलोगों के ठीक है जिनका समाज देव्लोप है लेकिन उस समाज का क्या होगा जिसका कोई माँ बाप नहीं है पहले काम था कपडा बनाने का वो भी सिर्फ ईस लिए बंद हो गया की दुनिया मे मोटे कपड़ो का चलन कम होगया . और पतला कपडा इस लिए नहीं बनाये की रेशम के कीड़े को ये समाज मरता हुवा नहीं देख सकता था . उसने किसी को मार के आपनी जीविका चलने से ठीक समझा की ये कपडा बनाने का कम कम करदिया जय और नए कम की तलाश की जाये और उस नए कम की तलाश मे आज तक भटक रहा है पनिका[मानिकपुरी, महंत] समाज. और नियति के मार देखो सेवा के छेत्र मे आगे रहने वाला , उस पुरे गाव को सुचना देने वाला गाव की राकह्वाली करने वाला बड़े बड़े सहबो से लोगो की बातो को सामने रखने वाला आज आपने लिए ही मजबूर हो गया है आज बहुत दयनीय दशा हो गई है इस छत्तीसगढ़ मे मे सबसे पीछे हो गए हम लोग . ............................क्या विकास की बात करने वालो के पास हमारी जिंदगियो का हिसाब है क्या हिसाब है उन नंगे पैरो का जिनके पास खाने के लिए दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ कहा से होता होगा क्या सरकार को ये सोचने वाले लोग नहीं मिलते क्या इंसानियत मर चुकी है इस छत्तीसगढ़ मे . जनप्रतिनिधि चुन के जनता के बिच से आते है क्या उनकी कोई जव्ब्दारी नहीं क्या ये नौकर शाही लोगो ने सिर्फ योजना बनाने का ही ठेका ले लिया है ..आमिर खान के द्वारा बनी फिल्म पिपली लाइव कोई फ़िल्मी किरदार नहीं था नत्था दस मानिकपुरी का बल्कि एक जीती जगती सच्ची जुबानी थी हमारे समाज की और एक इश्वरी शक्ति ने माध्यम बनाया आमिर खान को
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samaaj ke thekedaar sabhi swaarthi hain.
ReplyDeleteशुक्रिया।
ReplyDeleteअब तो सभी लोग स्वार्थी हो चुके हैं|
ReplyDeleteNa jane kyon swarthparak soch har kahin chhayi hui hai.... aapne is vishay par ek alag drishtikon se baat ki....
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